CHHAPRA DESK – यहां जान हथेली पर लेकर डायलिसिस कराने के लिए पहुंचते हैं किडनी पेशेंट. आप देख सकते हैं कि किडनी पेशेंट कैसे परिजन के सहारे गंदा पानी हेलकर डायलिसिस कराने के बाद वापस लौट रहा है. इंफेक्शन हो सकता है. उसकी जान जा सकती है. एक तो वैसे ही वह डायलिसिस पर जीवित है. ऊपर से इतना रिस्क लेकर आना जाना. यह फोटो वीडियो छपरा सदर अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम कक्ष के समीप के एक भवन परिसर का है.
जहां, उस भवन में डायलिसिस सेंटर के साथ पोषण पुनर्वास केंद्र, आरटीपीसीआर सेंटर, एआरटी सेंटर भी चलता है. हल्की बारिश होने के बाद यह परिसर पूरी तरह जलमग्न हो जाता है. ऐसी स्थिति में सर्वाधिक परेशानी किडनी पेशेंट को होती है. क्योंकि, उन्हें प्राय; डायलिसिस कराने के लिए वहां आना जाना पड़ता है. डायलिसिस कराने पहुंचे जिले के परसा थाना क्षेत्र निवासी मो कलाम ने कहा कि डायलिसिस नहीं कराते हैं तो रिस्क है और यहां गिर गये तो भी रिस्क है. वही पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती बच्चों के परिजनों को भी आने-जाने में खासी परेशानी होती है.
बता दे कि इस परिसर में नाला नहीं होने के कारण हल्की बारिश होने के बाद बरसात का पानी इस परिसर में जमा हो जाता है और यहां आने जाने वाले मरीज, उनके परिजन एवं चिकित्सकों को भी खासी परेशानी उठानी पड़ती है. बावजूद इसके अस्पताल प्रशासन के तरफ से यहां ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है जिससे कि डायलिसिस कराने पहुंचने वाले मरीज भी सुविधा पूर्वक वहां पहुंच जाए. अगर जो गंदे जल जमाव में वे गिरते हैं तो उनका क्या हश्र होगा यह अकल्पनीय है.