पारा चढते ही भू-जल स्तर में आने लगी कमी ; जिले में गहरा सकता है पेयजल संकट

Chhapra Desk-  सारण जिले में पारा चढ़ते के साथ ही गर्मी का प्रकोप बढ़ने लगाया है. वही दूसरी तरफ पेयजल संकट भी गहराने के आसार नजर आने लगे हैं, क्योंकि भू-जल स्तर में लगातार कमी हो रही है. जिले के नहरों में पानी नहीं है. सभी नदियों का जलस्तर भी कम होने लगा है. जिसके कारण भू-जल स्तर में कमी आना भी लाजमी है. जिसके कारण सिंचाई के लिए किसानों को सिंचाई को लेकर भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिले के अधिकांश नदियों का जलस्तर काफी कम है. किसानों की माने तो पीसीसी नहरों में खरीफ फसल के दौरान 12.5 फोट की ही कभी-कभार पानी आती है. अन्यथा अधिकांश समय नहरों में पानी नहीं रहता है. जिसमे किसानों की फसल पर व्यापक असर पड़ता है. फलस्वरूप किसानों को निजी पम्पसेट व बोरिंग पर ही निर्भर होना पड़ रहा है. गर्मी से जल स्तर में कमी आयी को आम जीवन एवं सृष्टि के साथ-साथ पशु-पक्षियों पर भी व्यापक प्रभाव पड़ सकता है.

सारण के किस क्षेत्र में कितना है भू-जल स्तर

* छपरा – 8.7 फीट
* सोनपुर – 14 फीट
* दिघवारा – 14.5 फीट
* गड़खा – 10.10 फीट
* दरियापुर – 8.8 फीट
* परसा – 8.7 फीट
* मकेर – 8.7 फीट
* जलालपुर – 12.8 फीट
* रिविलगंज – 15.7 फीट
* नगरा – 12.5 फीट
* एकमा – 11 फीट
* मांझी – 13.3 फीट
* तरैया – 10.5 फीट
* इसुआपुर – 9.9 फीट
* अमनौर – 11.2 फीट
* मशरक – 12.4 फीट
* पानापुर – 11.10 फीट
* मढौरा – 8.10 फीट
* बनियापुर – 10.1 फीट
* लहलादपुर – 9.2 फीट

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