प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान ने पकड़ी रफ्तार ; जिला यक्ष्मा केंद्र की अपील पर निक्षय मित्र बनकर टीबी के मरीजों को कर रहे हैं सहयोग

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान ने पकड़ी रफ्तार ; जिला यक्ष्मा केंद्र की अपील पर निक्षय मित्र बनकर टीबी के मरीजों को कर रहे हैं सहयोग

CHHAPRA DESK – छपरा जिला में टीबी रोगियों की देखभाल के लिए लोग आगे बढ़कर सामने आ रहे हैं. जिला यक्ष्मा केंद्र द्वारा निक्षय मित्र बनने की अपील के बाद आर्थिक रूप से कमजोर टीबी मरीजों की मदद हो रही है. निक्षय मित्रों द्वारा समय समय पर ऐसे टीबी मरीजों के बेहतर पोषण के लिए उनके बीच फूड बास्केट का वितरण किया जा रहा है. फूड बास्केट में आवश्यक कच्चा खाद्य सामग्री मौजूद होती है. इससे जिला में कमजोर वर्ग के टीबी मरीजों को काफी राहत मिली है.इसी क्रम में छपरा शहर के साधनापुरी में सामाजिक संस्था ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति के द्वारा टीबी के 10 मरीजों के बीच फ़ूड बास्केट का वितरण किया गया. इस संस्था के द्वारा जिले में इलाजरत 10 टीबी के मरीजों को गोद लिया गया है.

6 माह तक टीबी के मरीजों को इलाज में सहयोग किया जाएगा. इस दौरान सभी टीबी के मरीजों के खानपान तथा दवा का ख्याल रखा जाएगा. प्रत्येक माह संस्था के द्वारा टीबी के मरीजों के बीच राशन का वितरण किया जाएगा. निक्षय मित्र बनने के बाद टीबी मरीजों के लिए बेहतर पोषण की व्यवस्था करने की उनकी इस पहल को स्वास्थ्य विभाग द्वारा काफी सराहा गया है. इस मौके ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की सदस्य डॉ अलका सिंह, डॉ अंजू सिंह, वीरेंद्र नारायण सिंह, राजेश्वरी देवी, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रत्नेश्वर प्रसाद, टीबी केंद्र के डीपीसी हिमांशु शेखर,वर्ल्ड विजन इंडिया के रणधीर कुमार सिंह मौजूद थे.

निक्षय मित्र बनना सराहनीय पहल

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रत्नेश्वर प्रसाद ने कहा कि निक्षय मित्र बनना सराहनीय पहल है. उनके द्वारा टीबी मरीजों के बेहतर पोषण की व्यवस्था कर इसका वितरण किया गया है. आर्थिक रूप से समृद्ध लोग निक्षय मित्र बन गरीब टीबी मरीजों की मदद कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि सभी टीबी मरीज जो इलाजरत हैं, उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित पांच सौ रुपए प्रत्येक माह निक्षय पोषण योजना के तहत सीधे मरीजों के बैंक अकाउंट में इलाज के अंत तक मिल रहे हैं.

जांच के साथ इलाज मुफ्त

टीबी केंद्र के डीपीसी हिमांशु शेखर ने बताया कि सरकारी अस्पताल में टीबी की जांच से लेकर इलाज और दवा सब मुफ्त मिलती है. दो हफ्ते से अधिक खांसी, लगातार बुखार होना और वजन गिरना टीबी रोग के लक्षण हैं . ऐसे लक्षण होने से तत्काल जांच करा लें.अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में या शहरी क्षेत्रों में भी लापरवाही की वजह से टीबी के मरीज बीच में ही अपना इलाज छोड़ देते हैं. टीबी के वायरस कई प्रकार के होते हैं, ऐसे में इनके इलाज और दवा की भी अवधि अलग होती है.

व्यक्ति के खानपान का विशेष ध्यान रखना होता है, जिससे उसके अंदर संक्रमण से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता बढ़े. इलाज पूरा न होने और दवा सही समय पर न खाने से मरीज के अंदर का टीबी बैक्टीरिया खत्म नहीं होता और दूसरे भी संपर्क में आकर संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे में सरकार की गोद लेने की यह पहल भारत को टीबी मुक्त करने में बड़ा योगदान देगी.

Loading

E-paper ब्रेकिंग न्यूज़