रमजान की रातों में इबादत से गुनाह होंगे माफ : कारी अनस

रमजान की रातों में इबादत से गुनाह होंगे माफ : कारी अनस

GORAKHPUR DESK – मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर के शिक्षक कारी मो अनस रज़वी ने बताया कि रोजा पैगंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के ऐलाने नबुव्वत के पन्द्रहवें साल दस शव्वाल दो हिजरी में फर्ज हुआ. अल्लाह तआला ने कुरआन-ए-पाक में फरमाया “ऐ ईमान वालों तुम पर रोजे फर्ज किए गए जैसे कि पिछलों पर फर्ज हुए कि तुम्हें परहेजगारी मिले. मुसलमान सिर्फ अल्लाह की रज़ा के लिए साल मे एक महीना अपने खाने-पीने, सोने-जागने के समय में तब्दीली करता है.

ईमान की वजह से और सवाब के लिए रमजान की रातों का कयाम (जाग कर इबादत) करेगा उसके अगले-पिछले गुनाह बख्श दिए जाते हैं. रमज़ान की सुबह-शाम अल्लाह व रसूल के जिक्र में गुजारें. दूसरों की मदद करें। नेक बनें और दूसरों को नेक बनने की दावत दें.

Loading

34
E-paper