Chhapra Desk – सुरक्षित गर्भपात कानूनी तौर पर वैध है. इस बात की जान कारी आज भी ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को नहीं है. जिसके कारण आज भी वह गांव देहात के नीम हकीम के चक्कर में पड़कर अपना प्राण तक गंवा रही है. इसी उद्देश्य से आंगनबाड़ी सेविका को आई पास डेवलपमेंट फाउंडेशन के सौजन्य से आज मांझी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर प्रशिक्षण दिया गया.
आई पास के समुदायिक कार्यकर्त्ता सीमा सोनल ने इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी और बताया कि 20 सप्ताह तक गर्भ समापन कराना वैद्य है, लेकिन 9 सप्ताह के अंदर एक प्रशिक्षित डॉक्टर एवं 12 सप्ताह से उपर तथा 20 सप्ताह के अंदर तक में दो प्रशिक्षित डॉक्टर की उपस्थिति में सदर अस्पताल या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल में प्रशिक्षित डॉक्टर की मौजूदगी में होना चाहिये. इस विषय पर विस्तार से चर्चा किया गया. प्रशिक्षकों ने बताया कि समाज को जागरूक करने की जरूरत है. हमारे ब्लॉक के अस्पताल में डॉक्टर एवं नर्स उपलब्ध हैं फिर भी महिलाएं नीम हकीम के चक्कर में पड़ कर अपनी जान गंवा रही है.
वहीं परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधनो के विषय मे भी बताया गया. साथ ही यह भी बताया गया कि लिंग जांच के आधार पर गर्भपात कानूनन अपराध है. वहीं माहवारी के दौरान साफ-सफाई के विषय मे भी जानकारी दिया गया. प्रशिक्षण के मौके पर एमओआईसी रोहित कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधन विवेक कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.