सेवा सदन अंध विद्यालय के महासचिव के खिलाफ सभी छात्रों ने प्रदर्शन जुलूस निकालकर डीएम को सौंपा ज्ञापन ; कहा हुजूर हमारी मदद करें

सेवा सदन अंध विद्यालय के महासचिव के खिलाफ सभी छात्रों ने प्रदर्शन जुलूस निकालकर डीएम को सौंपा ज्ञापन ; कहा हुजूर हमारी मदद करें

CHHAPRA DESK – छपरा शहर स्थित सेवा सदन अंध विद्यालय के प्रबंधकारिणी समिति के मनमानी रवैये तथा समिति के महासचिव अमृत प्रियदर्शी उर्फ दीपू के तानाशाही रवैये से क्षुब्ध होकर अंध विद्यालय के सभी छात्रों ने शहर में प्रदर्शन जुलूस निकाला. राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ शाखा बिहार के बैनर तले सेवा सदन अंध विद्यालय के सभी छात्र सेवा सदन प्रबंध कारिणी समिति के खिलाफ नारेबाजी करते हुए समाहरणालय परिसर पहुंचे जहां उनके प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के महासचिव अर्जुन कुमार सिंह, सचिव शशिकांत सिंह, युवा सचिव आदित्य नारायण तिवारी के द्वारा जिलाधिकारी राजेश मीणा से मिलकर अपनी समस्याओं को अवगत कराते हुए 11 सूत्री मांगों का एक ज्ञापन सौंपा गया.

जिलाधिकारी को उन्होंने बताया कि महासचिव के उपेक्षापूर्ण रवैया से विद्यालय की विधि व्यवस्था समाप्त हो चुकी है. विगत आठ वर्षों से विद्यालय में संगीत शिक्षक नहीं है. जबकि दृष्टिदिव्यांगों के लिए संगीत विषय महत्त्वपूर्ण होता है. उच्च विद्यालय से दृष्टि दिव्यांगों को गणित के स्थान पर संगीत रखना अनिवार्य होता है. उल्लेखनीय है कि संगीत शिक्षक के अभाव में यहां के बच्चे एक आवश्यक विषय से वंचित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्त शिक्षक न तो ब्रेल जानते है और न ही विशेष विद्यालय में पढ़ाने का प्रशिक्षण प्राप्त किये है. ऐसी स्थिति में सेवा सदन अन्य प्राथमिक विद्यालय में अध्यनरत दृष्टि दिव्यांग छात्रों का भविष्य अंधकारमय है. और तो और प्रबंधकारिणी समिति द्वारा दिए जाने वाले दिन का खाना बंद कर दिया गया है और उन्हें मध्यान भोजन पर निर्भर रहना पड़ता है.

महासचिव अमृत प्रियदर्शी उर्फ दीपू द्वारा अपनी कमियों और कुव्यवस्था पर पर्दा डालने के लिए विद्यालय परिसर का गेट 24 घंटा बंद रखा जाता है. जबकि आरपीडब्लूडी एक्ट 2016 की धारा-5 में स्पष्ट किया गया है कि दिव्यांग व्यक्तियों को समुदाय में जीने का अधिकार है और किसी भी विशिष्ट जीवन व्यवस्था में जीने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. अतः परिसर का गेट बंद रखना अवैधानिक है. उक्त सभी समस्याओं के निराकरण होने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा.

क्या है मुख्य मांगे :

1 सेवा सदन अंध प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा विभाग द्वारा कार्यरत जितेन्द्र कुमार सिंह के बदले किसी प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों को नियुक्त करने.

2 सेवा सदन अंध प्राथमिक विद्यालय के लिए प्रबंधकारिणी समिति द्वारा पूर्व में 13 कट्ठा जमीन देने का निर्णय लिया गया था जिस पर अमल करते हुए विद्यालय के नाम से 13 कटठा जमीन देने.

3 सेवा सदन अंघ एवं विकलांग असहाय पूर्णवास गृह में पूर्व की भांति उच्च विद्यालय एवं महाविद्यालय में अध्यनरत दृष्टि दिव्यांगों को रहने की अनुमति प्रदान की जाए.

4 नियमित रूप से शिविर लगाकर यू०डी०आई०डी० / विकलांगता प्रमाण पत्र आरपीडब्लूडी एक्ट 2016 के अनुसार निर्गत करने.

5 अन्तयोदय अन्न योजना के तहत बिहार सरकार खाद्य विभाग पत्रांक संख्या- प्र06-अन्तयोदय- 01/2008-3808 दिनांक- 22-09-2020 का अनुपालन करते हुए दृष्टि दिव्यांगों को सॉफ्टवेयर अपडेट करते हुए इसका लाभ देने.


6. आरपीडब्लूडी एक्ट 2016 की धारा 72 के अनुसार जिला दिव्यांग सलाहकार समिति व कल्याणकारी समिति में संघ का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने.
7 जिले में अध्यनरत उच्च विद्यालय एवं महाविद्यालय के दृष्टि दिव्यांग छात्रों को एक्सेसबल डिवाईस, स्मार्ट

फोन / डिजी प्लेयर, रिकार्डर उपलब्ध करानज.
8 नगर निगम एवं जिला स्तरीय के लिए ग्रुप डी एवं ग्रुप सी में दृष्टि दिव्यांग को 1 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने.
9 राज्य पथ परिवहन के बसों में दृष्टि दिव्यांगों को सहायक के साथ निःशुल्क यात्रा की सुविधा देने.

10 उक्त मांगों से संबंधित विचार-विमर्श हेतु संघ के प्रतिनिधि मंडल एवं सेवा सदन प्रबंधकारिणी के साथ जिलापदाधिकारी सारण की अध्यक्षता में एक बैठक करने. 11 सेवा सदन प्रबंधकारिणी समिति में परिवारवाद समाप्त कर दृष्टि दिव्यांग प्रतिनिधि को भी शामिल करने की मांग शामिल हैं.

Loading

70
E-paper ब्रेकिंग न्यूज़ शिक्षा