Chhapra Desk – सारण जिले के मशरक प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय डुमरसन में फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र के आधार पर पिछले 16 वर्षों से नियोजित शिक्षिका के रूप में कार्यरत शिक्षिका पर निगरानी विभाग के द्वारा मशरक थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने का मामला सामने आया है. जिससे प्रखंड क्षेत्र के शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है. इस मामलेे में निगरानी के द्वारा दर्ज करायी गई प्राथमिकी कांड संख्या 22/22 में बताया गया है कि पटना हाईकोर्ट में दर्ज जनहित याचिका पर हाईकोर्ट के आदेश से फर्जी शिक्षकों की जिलावार जांच-पड़ताल की जा रही है. उसी क्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी सारण द्वारा भेजें गये फोल्डर में मशरक प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय डुमरसन में कार्यरत नियोजित शिक्षिका मीरा कुमारी, पिता विक्रमा मांझी गांव पदमौल पोस्ट-अरना का नियोजन 2006 में प्रखंड शिक्षिका का भी नाम था. शिक्षिका मीरा कुमारी के द्वारा नियोजन इकाई को दिए आवेदन तथा इंटर का प्रमाणपत्र निगरानी को उपलब्ध कराया गया था.
उसमें इंटर अंक पत्र रौल कोड-4121, रौल नम्बर-10098 वर्ष 1995 प्राप्तांक 554 श्रेणी प्रथम को सत्यापन के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को भेजा गया तों सत्यापन कराए जाने के क्रम में प्रमाण पत्र फर्जी होने तथा गलत तरीके से छेड़़छाड़ कर अपने शैक्षणिक प्रमाणपत्र की जगह दूसरे के अंक पत्र पर गलत तरीके से अपना नाम दर्ज किए जाने की बात 26 फरवरी 21को सामने आई थी. निगरानी द्वारा नियोजित शिक्षिका पर प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. वही इस प्राथमिकी के बाद अन्य शिक्षकों में भी हड़कंप मचा हुआ है.