CHHAPRA DESK –एक तरफ तेजस्वी यादव स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए मिशन 60 डेज अभियान चला रहे हैं तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी चिकित्सक है जो हम नहीं सुधरेंगे की रट लगा रखे हैं. यही हाल है छपरा सदर अस्पताल के आयुष विभाग का. यहां किसी दिन इस विभाग का काउंटर ना तो खुलता है ना ही चिकित्सक आते हैं. जबकि एक लाख से ₹2.25 लाख तक की सैलरी भी उठाते हैं. जो कि कहीं ना कहीं छपरा सदर अस्पताल पर एक प्रश्न चिन्ह है.
हालांकि इस मामले के संज्ञान में आने के बाद सिविल सर्जन डॉक्टर सागर दुलाल सिन्हा के द्वारा सुधार कै लेकर लगातार प्रयास किया गया. लेकिन इन चिकित्सकों पर उनके स्पष्टीकरण का भी कोई असर नहीं पड़ा. बता दें कि सिविल सर्जन ने तीन दिन पहले निरीक्षण में पाया था कि आयुष विभाग का काउंटर खुला ही नहीं था. जिसके बाद उनके द्वारा छपरा सदर अस्पताल के आयुष विभाग के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अवधेश सिंह से स्पष्टीकरण की मांग किया है.
यह द्वारा स्पष्टीकरण मांगे जाने के तीसरे दिन जब हलचल न्यूज ने आयुष विभाग का रुख किया तो पाया कि उस दिन भी कोई चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं था और काउंटर बंद था. समय 11:30 हो रहा था. लेकिन जैसे ही वहां मौजूद कर्मियों ने कैमरा देखा तो झटपट काउंटर खोल कर साफ सफाई करने लगे.
मांगने पर भी नहीं दिखाया गया उपचार का रजिस्टर
छपरा सदर अस्पताल के आयुष विभाग में मौजूद किरानी से जब मरीजों का रजिस्टर मांगा गया तो उसके हाथ-पांव फूलने लगे और वह अनाप-शनाप बकने लगा. लाख प्रयास के बाद भी उसके द्वारा कोई रजिस्टर नहीं दिखाया गया. क्योंकि, विगत इस विभाग का कार्यालय बनने के बाद विगत 1 सप्ताह में वहां एक भी मरीज को देखा ही नहीं गया है. अंत में किरानी ने बोला कि डॉक्टर मौजूद नहीं है. जो कि कहीं ना कहीं आयुष विभाग के चिकित्सक एवं किरानी की मिलीभगत को दर्शाता है.
क्या कहते हैं प्रभारी सिविल सर्जन
इस मामले में प्रभारी सिविल सर्जन सह जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉक्टर चंदेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि उनके द्वारा निरीक्षण के क्रम में आज गुरुवार को 10:00 बजे जब आयुष विभाग का निरीक्षण किया गया तो पाया गया कि वहां सिर्फ दो कर्मचारी मौजूद थे. जब उनसे पूछा गया कि चिकित्सक और किरानी कहां है तो उनके द्वारा बताया गया है कि वे लोग अभी आ रहे हैं. प्रभारी सिविल सर्जन ने बताया कि आयुष विभाग के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अवधेश सिंह के मर्जी से वह विभाग चलता है.