यातायात थाना तो है लेकिन यहां प्रतिदिन उड़ती है यातायात नियमों की धज्जियां ; क्योंकि यह रंगबाजों का शहर है छपरा !

यातायात थाना तो है लेकिन यहां प्रतिदिन उड़ती है यातायात नियमों की धज्जियां ; क्योंकि यह रंगबाजों का शहर है छपरा !

 

CHHAPRA DESK – भाई जल्दी तो सबको है. लोग खुद जाम लगाते हैं और पूरी जनता घंटो जाम से कराहते हुए नजर आती है. भाई यही तो छपरा है ! रंगबाजों का शहर ! यहां वाहन चालक यातायात नियमों की धड़ल्ले से धज्जियां उड़ाते हैं. अगर आप उन्हें यातायात नियमों का पाठ पढ़ाने लगे तो फिर उनकी रंगबाजी भी देखने के लिए तैयार हो जाइए. रोडवेज फाइटिंग का नजारा खुद-ब-खुद देखने को मिल जाएगा. लेकिन हद तो यह है कि छपरा में यातायात थाना बना और उससे भी बड़ी बात है कि यातायात डीएसपी की भी यहां नियुक्ति की गई. फिर भी, स्थित ढाक के तीन पात की है. इस छोटे से शहर में कहीं 1 घंटे से 2 घंटे तक जाम में फंस जाए तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यातायात थाना

और यातायात डीएसपी कितना एक्टिव है. स्थिति विकट तक हो जाती है जब कोई परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र पर जाने के लिए निकला हो और जाम में फंस जाए. वैसे परीक्षा के प्रथम दिन दर्जनों छात्रों को जाम में फंसने के कारण परीक्षा भी छोड़नी पड़ी थी. तब शहर के कुछ चौक-चौराहों पर पुलिस बल की तैनाती हो गई. वैसे छपरा शहर के जगदम कॉलेज रेलवे ढाला पर जाम की यह स्थिति आम-सी हो गई है. अगर पुलिसकर्मी वहां मौजूद है तब तो जाम आधे घंटे में निकल जाएगी। लेकिन, अगर कोई पुलिसकर्मी वहां मौजूद नहीं है तो 1 घंटे से 2 घंटे तक जाम में फंसे रहने के लिए आप तैयार हो जाइए. विकट स्थिति उस समय उत्पन्न हो जाती है जब रेलवे फाटक बंद कर एक साथ 5 से 6 ट्रेन पास होती है.

आज भी ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला जब एक साथ 5 से 7 ट्रेने पास कराई गई. इतनी देर में जगदम कॉलेज रेलवे ढाला से लेकर बस स्टैंड तक सड़क के दोनों तरफ वाहनो की लंबी कतारे लग गई. वही जगदम कॉलेज से उतर की तरफ बड़े हनुमान की प्रतिमा तक वाहन जाम में फंसी रही. जिसका सबसे महत्वपूर्ण कारण यह रहा की वाहन चालक बेतरतीब तरीके से वाहन फंसाए बैठे थे और दूसरा महत्वपूर्ण कारण यह रहा कि यातायात पुलिसकर्मी वहां दिखाई ही नहीं दिए.भाई जल्दी तो सबको है. लोग खुद जाम लगाते हैं और पूरी जनता घंटो जाम से कराहते हुए नजर आती है. भाई यही तो छपरा है ! रंगबाजों का शहर ! यहां वाहन चालक यातायात नियमों की धड़ल्ले से धज्जियां उड़ाते हैं. अगर आप उन्हें यातायात नियमों का पाठ पढ़ाने लगे तो फिर उनकी रंगबाजी भी देखने के लिए तैयार हो जाइए.

रोडवेज फाइटिंग का नजारा खुद-ब-खुद देखने को मिल जाएगा. लेकिन हद तो यह है कि छपरा में यातायात थाना बना और उससे भी बड़ी बात है कि यातायात डीएसपी की भी यहां नियुक्ति की गई. फिर भी, स्थित ढाक के तीन पात की है. इस छोटे से शहर में कहीं 1 घंटे से 2 घंटे तक जाम में फंस जाए तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यातायात थाना और यातायात डीएसपी कितना एक्टिव है. स्थिति विकट तक हो जाती है जब कोई परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र पर जाने के लिए निकला हो और जाम में फंस जाए.

 

वैसे परीक्षा के प्रथम दिन दर्जनों छात्रों को जाम में फंसने के कारण परीक्षा भी छोड़नी पड़ी थी. तब शहर के कुछ चौक-चौराहों पर पुलिस बल की तैनाती हो गई. वैसे छपरा शहर के जगदम कॉलेज रेलवे ढाला पर जाम की यह स्थिति आम-सी हो गई है. अगर पुलिसकर्मी वहां मौजूद है तब तो जाम आधे घंटे में निकल जाएगी। लेकिन, अगर कोई पुलिसकर्मी वहां मौजूद नहीं है तो 1 घंटे से 2 घंटे तक जाम में फंसे रहने के लिए आप तैयार हो जाइए. विकट स्थिति उस समय उत्पन्न हो जाती है जब रेलवे फाटक बंद कर एक साथ 5 से 6 ट्रेन पास होती है.

आज भी ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला जब एक साथ 5 से 7 ट्रेने पास कराई गई. इतनी देर में जगदम कॉलेज रेलवे ढाला से लेकर बस स्टैंड तक सड़क के दोनों तरफ वाहनो की लंबी कतारे लग गई. वही जगदम कॉलेज से उतर की तरफ बड़े हनुमान की प्रतिमा तक वाहन जाम में फंसी रही. जिसका सबसे महत्वपूर्ण कारण यह रहा की वाहन चालक बेतरतीब तरीके से वाहन फंसाए बैठे थे और दूसरा महत्वपूर्ण कारण यह रहा कि यातायात पुलिसकर्मी वहां दिखाई ही नहीं दिए.

 

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