बाबू वीर कुंवर सिंह ने विश्व को सिखाई साहस की परिभाषा : शैलेंद्र

बाबू वीर कुंवर सिंह ने विश्व को सिखाई साहस की परिभाषा : शैलेंद्र

CHHAPRA DESK – सारण विकास मंच के कार्यालय पर आज बाबू वीर कुंवर सिंह का विजयोत्सव मनाया गया गया. उस दौरान सारण विकास मंच के के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह ने उन्हें याद करते हुए नमन कर पुष्पांजलि अर्पित किया. उक्त अवसर पर उन्होंने कहा कि आज समाज में नैतिकता का अभाव है जो बाबू कुंवर सिंह की ताकत थी. अगर हमें अपने समाज में और भी कुंवर सिंह चाहिए तो हमें भी कुंवर सिंह जैसी नैतिकता का पालन करना होगा. सारण, भोजपुर, शाहाबाद की धरती नैतिकता की धरती है.

उन्होंने कहा कि बाबू वीर कुवंर सिंह ने सम्पूर्ण विश्व को साहस की परिभाषा भी बताई और आजादी के मायने भी. उन्होंने अपने जीवन में कई लड़ाइयां लड़ी. हर लड़ाई उन्होंने अपनी रियासत के लिए नहीं लड़ी बल्कि पूरे भारत में घूम-घूम कर आततायी अंग्रेजों के खिलाफ भी वे लड़े. उन्होंने जहां भी लड़ाई लड़ी, उस जमीन को अपना जगदीशपुर मान कर लड़ी. यही कारण है कि बाबू वीर कुंवर सिंह का संघर्ष और साहस अद्वितीय है.

उन्होंने कहा कि कुंवर सिंह का संघर्ष बताता है कि लड़ने, जीतने, सफल होने और जुल्म के प्रतिकार के लिए संसाधन नहीं आत्मबल होना चाहिए. जंग जीतने के लिए ढलती उम्र बाधा नहीं बनती, हौसला होना चाहिए. आज के युवाओं के लिए भी राष्ट्र सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. जो सोचें राष्ट्र के लिए सोचें और जो करें उसे राष्ट्र को समर्पित कर दें. मौके पर डॉ विश्वजीत सिंह चंदेल, डॉ धीरज सिंह, डॉ अभिषेक अरूणाव, शिक्षक नेता मनोज यादव, छात्र नेता आशीष कुमार उर्फ गुलशन यादव, परमजीत कुमार सिंह, परमेंद्र कुशवाहा, राहुल यादव आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे.

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