CHHAPRA DESK – बिहार के पूर्णिया में एक चिकित्सक की पिटाई से आक्रोशित प्रदेश के सभी चिकित्सकों ने सरकारी एवं निजी सेवाओं को बंद कर हड़ताल कर दिया. हड़ताल के कारण बिहार के सभी सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र एवं निजी क्लिनिको में भी ताला लटका रहा. जिसका असर बिहार के छपरा सदर अस्पताल में भी देखने को मिला. सभी चिकित्सकों ने ओपीडी सेवा को बंद करते हुए कार्य का बहिष्कार कर दिया. जिसके कारण सदर अस्पताल पहुंचने वाले सैकड़ो मरीजों को बिना उपचार के ही वापस लौटना पड़ा.
वहीं हड़ताल के कारण सदर अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को काफी परेशानी हुई और उन लोगों के द्वारा बताया गया कि वे लोग दूर-दूर से आए हैं लेकिन बिना उपचार के वापस लौटना पड़ रहा है. वहीं सदर अस्पताल की इमरजेंसी सेवा चालू रही. सदर अस्पताल के सभी चिकित्सक ओपीडी के बाहर बैठकर अपनी एकजुटता दिखाते हुए चिकित्सकों पर हो रहे हैं हमले की भर्त्सना की. इस मौके पर आईएमए के पूर्व राज्य अध्यक्ष डॉ शालिग्राम विश्वकर्मा ने बताया कि आए दिन चिकित्सकों पर हो रहे हमले बहुत ही निंदनीय हैं.
उन्होंने बताया कि पूर्णिया में डॉक्टर राजेश पासवान सर्जन के क्लीनिक पर एक महिला को प्रसव पीड़ा के साथ भर्ती कराया गया. ऑपरेशन के बाद बच्चा स्वस्थ रहा लेकिन करीब 8-10 घंटे बाद बीमारी के कारण उस महिला की मौत हो गई. जिसके बाद उसके परिवार वाले जो कि पहले हाथ-पैर जोड़ रहे थे उन लोगों ने चिकित्सक की पिटाई कर दी. जो कि, बहुत ही दुखदायक घटना है. चिकित्सक मरीज को बचाने के लिए दिन-रात एक करता है. बावजूद जीना-मरना भगवान के हाथ में है. पूर्णिया के चिकित्सक डॉक्टर राजेश पासवान बहुत ही अच्छे सर्जन हैं. उनके साथ ऐसी घटना उन लोगों को भी काम करने पर सोचने को विवश कर रही है.