Chhapra Desk – छपरा जिले के एकमा थाना क्षेत्र के रीठ व मुकुंदपुर गांव के बगीचे में एक दिन पहले गुरुवार को चारा काटने के दौरान गुस्साया हाथी महावत को कुचल कर मौत के घाट उतारने और महावत पुत्र को घायल करने के बाद से ही अनियंत्रित होकर दूसरे दिन शुक्रवार को दिन भर इधर-उधर भटकता रहा.छपरा जिला मुख्यालय से आयी वन विभाग की टीम, स्थानीय एकमा के वन विभाग की टीम, एकमा थाने की पुलिस टीम, पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान विभाग के पशु चिकित्सा पदाधिकारी सहित तीन सदस्यीय टीम के अलावा विभिन्न जिलों के हाथी को नियंत्रण में रखने वाले विशेषज्ञ महावतों की टीम द्वारा लगभग 36 घंटे की काफी मशक्कत के बाद भी गुस्साए हाथी को नियंत्रण में नहीं लिया जा सका है.
इस बीच गुरूवार की पूरी रात आसपास की ग्रामीण जनता दहशत में रही। वहीं रात में ही छपरा-सिवान नेशनल हाईवे 531 और सिवान-छपरा रेल खंड पर स्थित एकमा स्टेशन और आमडाढ़ी रेलवे क्रॉसिंग के मध्य रेलवे ट्रैक को भी पार करके हाथी राजापुर, पचरुखिया, देवकुली, लालपुर व खानपुर के मध्य स्थित दलका चंवर में पहुंच गया। शुक्रवार को दिन भर हाथी को नियंत्रित करने के लिए मशक्कत होती रही. लेकिन सभी विभागीय टीम के सदस्यों को देर शाम निराशा ही हाथ लगी. वहीं आसपास के ग्रामीणों को दहशत में रात गुजारनी पड़ रही है. इस संबंध में वन विभाग के सारण रेंज ऑफिसर अजीत सिंह व वनरक्षी मनीष कुमार ने बताया कि हाथी को नियंत्रित करने के लिए संजय गांधी जैविक उद्यान के पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अमित कुमार सहित तीन सदस्यीय टीम और एकमा के वन विभाग के , डिपो इंचार्ज मनोरंजन सिंह सहित नर्सरी के 10 स्टॉफ के अलावा सिवान जिले के अमलोरी गांव निवासी हाथी के स्वामी प्रवीण कुमार सिंह द्वारा बुलाए गए विशेषज्ञ महावतों के द्वारा हाथी को नियंत्रित करने हेतु काफी मशक्कत किया गया. इस बीच हाथी राजापुर के एक तालाब में कुछ देर तक पड़ा रहा। इसके बाद हाथी जब तालाब से निकला तो वह दलका चंवर में चला गया. चंवर के अंदर पानी भरे रहने के चलते हाथी को कब्जे में करने हेतु प्रयास में बाधा पहुंची। वहीं देर शाम हाथी आमडाढ़ी पंचायत के देकुली, पचरुखिया व गौसपुर के रिहायशी इलाकों के तरफ पहुंच गया. आमडाढ़ी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि भरत कुमार सिंह, पूर्व मुखिया ओमप्रकाश सिंह, सरपंच अरविंद सिंह, जदयू नेता इंजीनियर जयप्रकाश सिंह, उत्क्रमित मध्य सह उच्च माध्यमिक विद्यालय गौसपुर की प्रधानाध्यापिका वीणा सिंह, स्मार्ट क्लास के नोडल शिक्षक कमल कुमार सिंह आदि ने आसपास के ग्रमीण इलाकों के लोगों व छात्र-छात्राओं को रात में घरों से बाहर नहीं निकलने और दिन में भी जबतक हाथी वन विभाग के नियंत्रण में नहीं आ जाता है तबतक सतर्क रहने की सलाह दी है.
वहीं संजय गांधी जैविक उद्यान पटना के पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अमित कुमार ने बताया कि ट्रेंगुलाईज गन से हाथी को नियंत्रण में करने के लिए पहले हाथी के स्वामी से स्वीकृति नहीं मिली थी. लेकिन अब इसके लिए स्वीकृति मिल गई है। लेकिन चंवर के आसपास पानी भरा होने के चलते वहां पर हाथी को ट्रेंगुलाईज गन का इस्तेमाल करने से परहेज करना पड़ा. क्योंकि हाथी को गन लगने के बाद आसपास के क्षेत्र में हाथी अचेत होकर गिर भी सकता है. कान और सूंड़ में पानी जाने से हाथी की मौत भी हो सकती है. इससे बचाव हेतु सावधानी बरती जा रही है। इसमें एकमा थानाध्यक्ष देवकुमार तिवारी सहित पुलिस कर्मियों द्वारा भी सहयोग किया जा रहा है.
ग्रामीणों को सावधानी बरतने की यह दी गई सलाह:
एकमा। वन विभाग के सारण रेंज ऑफिसर अजीत सिंह ने बताया कि आवासीय ग्रामीण इलाकों में हाथी के पहुंचने पर उससे सुरक्षा हेतु डंडे में कपड़ा आदि लपेट कर उसे मशाल की तरह बना लें. हाथी दिखाई देने पर इस मशाल को जलाकर घरों के बाहर लगाएं. मशाल की इस आग को देखकर वह पास में नहीं आएगा.
रेलवे क्रॉसिंग पर पहुंच गए गजराज, हादसा टला
एकमा। शुक्रवार की अहले सुबह राजापुर गांव का वृजेश कुमार यादव अपनी पल्सर बाइक से एक मित्र के साथ छपरा एक व्यक्ति को ट्रेन पकड़वाने के लिए जा रहा था। इस बीच पश्चिमी रेलवे गुमटी के पास अचानक सड़क पर हाथी आ गया. बिना महावत का हाथी देख कर सड़क पर ही बाइक छोड़कर युवक भाग खड़े हुए. तभी हाथी ने बाइक को सड़क पर ही पलट दिया. जिससे बाइक क्षतिग्रस्त हो गई. बताते हैं कि इसके बाद गुस्साए गजराज रेलवे गुमटी के समीप ट्रैक पर जा कर खड़ा हो गए.
इस बीच रेलवे गुमटी बंद थी। डाउन बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस गुजरने वाली थी. गेट मैंन और आसपास के कुछ लोगों के प्रयास से रेलवे ट्रैक से गजराज को भगाया गया. इसके बाद इस ट्रैक से सुपर फास्ट ट्रेन गुजरी. जिससे हादसा होने से टल गया.उल्लेखनीय है कि गुरुवार की सुबह अचानक यह पालतू हाथी ने पहले महावत पुत्र परसागढ़ के हथिया टोला निवासी मुन्ना मियां को अपने सूंड़ में लपेटकर दूर फेंक दिया. वहीं नियंत्रित करने गये महावत सहबान मियां को कुचल कर मार डाला था. महावत अपने परिवार का भरण पोषण इसी काम से करता था. इस घटना के बाद सहवान मियां के परिवार में पत्नी झूनी व पुत्रगण क्रमशः मुन्ना, इंदल, रसूल, पुत्री रूबी के भरण पोषण की समस्या भी विकराल हो जाएगी.