मगध विश्वविद्यालय के भ्रष्ट कुलपति एवं सभी दोषियों की जल्द हो गिरफ्तारी : अभाविप

Gaya Desk – गया मगध विश्वविद्यालय कुलपति के कई ठिकानों पर निगरानी के द्वारा छापेमारी कर विश्वविद्यालय के पैसे का बंटाधार, विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं आय से अधिक संपत्ति की पुष्टि निगरानी द्वारा की गई है. जिसको लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पूर्व में ही कई बार विश्वविद्यालय में व्याप्त शैक्षणिक अराजकता एवं भ्रष्टाचार का आरोप विश्वविद्यालय के कुलपति पर लगाया था. मगध विश्वविद्यालय संयोजक सूरज सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री, महामहिम राज्यपाल, बिहार सरकार के साथ साथ केन्द्र एवं राज्य के कई मंत्रालय को साक्ष्य के साथ पत्र भेजा गया था एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा कुलपति द्वारा किये गए भष्ट्राचार और अनियमिताओं के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय, पटना में जनहित याचिका जनवरी 2021 में दायर किया गया है. जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए माननीय उच्च न्यायालय, पटना ने राजभवन को जांच करने हेतु निर्देशित किया. जिसके बाद भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के द्वारा मुझ पर जानलेवा हमला भी किया गया था. जिसकी लिखित शिकायत बोधगया थाने में कि गई थी. उसके बावजूद विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता अपनी जान की बाजी लगाकर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लड़ाई को जारी रखा. मालूम हो कि परिषद द्वारा लगाएं गये सभी आरोपों कि जांच करने आई राज्यभवन के दो सदस्यीय टीम ने कुलपति पर लगाये गयें सभी आरोपों कि साक्षत होते हुए भी कुलपति से मिली भगत कर कुलपति को वारी कर दिया लेकिन उसके बाद भी परिषद हार ना मानते हुए भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जंग कि लडाई लडते हुए फिर हाईकोर्ट का रास्ता अपनाते हुए पीआईएल दाखिल की. विद्यार्थी परिषद समस्या के खिलाफ आवाज उठाने के साथ से समाधान तक संघर्ष करती हैं और इसी के परिणाम स्वरूप निगरानी के स्पेशल टीम के द्वारा छापामारी के बाद पूर्व में लगाए गए सभी आरोपों की पुष्टि हो गई है.

अब दोषी कुलपति एवं सभी आरोपियों कि अविलंब गिरफ्तारी कर उन्हें उनके पदों से मुक्त कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई किया जाए ताकि विश्वविद्यालय में स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण का निर्माण किया जा सके. वही प्रदेश समिति सदस्य मंतोष सुमन ने कहा कि कुलपति लगातार भ्रष्टाचार कर रहें थे कई ट्रांसफर पोस्टिंग में भी पैसे का बंदर बांट हुआ है जिस की भी जांच होनी चाहिए. कुलपति के कार्यकाल में मगध विश्वविद्यालय के गया स्थित एवं अन्य जिलों के कॉलेजों में भी विश्वविद्यालय के नियमों को ताक पर रखते हुए काफी टेंडर एवं ऐसे कार्य किए गए हैं जो कि भष्टाचार के श्रेणी में आता हैं. कई महाविद्यालयों की कई सालों से ऑडिट भी नहीं कराया जाना आर्थिक भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा उदाहरण है. परिषद पूरी तैयारी कर चुकी है मगध विश्वविद्यालय कई और भ्रष्टाचारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए, मगध विश्वविद्यालय के कैम्पस के साथ साथ कई काॅलेज में भष्टाचारीयों कि चेहरे का उजागर किया जायेगा. विद्यार्थी परिषद मांग करता है कि मगध विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति ने जितने भी हाल ही में ट्रांसफर पोस्टिंग किए हैं उसको अविलंब रद्द किया जाए एवं इसकी जांच की जाए. मालुम हो कि मगध विश्वविद्यालय के कुलपति ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए कई सफेद पोस लोगों के सगे संबंधी की भी नियुक्ति मगध विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों में एवं मगध विश्वविद्यालय के कैम्पस के कई विभागों में की है, इसकी भी जांच होनी चाहिए.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभाग संयोजक अमन मिश्रा ने कहा कि जब से वर्तमान कुलपति महोदय ने अपना पदभार संभाला था छात्रों को मूल प्रमाण पत्र की समस्या तभी से शुरू हो गई थी. छात्रों को मूल प्रमाण पत्र न मिलने की स्थिति में नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा था. ना समय पर परीक्षा हो पा रहा था ना समय पर परिणाम आ पा रहा था. पूरा विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा हुआ था. वह प्रवेश – परीक्षा और परिणाम तीनों को पूरी तरह से प्रभावित करके रखें हुए थे. भ्रष्टाचार और डिग्री संबंधित समस्या को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन विश्वविद्यालय मुख्यालय में किया जा रहा था. लेकिन कुलपति महोदय कभी भी इसे गंभीरता से नहीं लिया. इस मौके पर विभाग संगठन मंत्री पशुपतिनाथ उपमन्यु, मगध विश्वविद्यालय संयोजक सूरज सिंह, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मंतोष सुमन, विभाग संयोजक अमन मिश्रा, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सुबोध पाठक, प्रवीण कुमार आदि मौजूद थे.

साभार – धीरज गुप्ता

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