Chhapra Desk – बिहार सरकार के सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित बिहार डायरी एवं कैलेण्डर 2022 का लोकार्पण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कर राज्य की जनता को समर्पित किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बिहार की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत काफी समृद्ध है. यह भूमि विभिन्न सभ्यताओं के पुष्पित एवं पल्लवित होने का साक्षी है. बिहार में प्रचुर प्राकृतिक विविधता देखने को मिलती है. कहीं पहाड़, कहीं नदियां तो कहीं प्राकृतिक संपदाओं एवं जंगली जानवरों से भरपूर वन है. प्रकृति की यह विविधता बरबस ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है. सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिये पूरी तरह से कृतसंकल्पित है. पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिये किया गया विकास ही टिकाऊ होगा. इसी को ध्यान में रखते हुये महत्वाकांक्षी जल- जीवन- हरियाली अभियान चलाया गया है. बिहार में ऐसे अनेक स्थल हैं जहां पर्यटक प्राकृतिक परिवेश का आनंद उठाने के लिये आते हैं. पर्यावरण को संरक्षित रखते हुये ही इन स्थलों का विकास किया जा रहा है तथा पर्यटकीय सुविधा विकसित की जा रही है. लोगों को इससे अवगत कराने के उद्देश्य से इस वर्ष के कैलेण्डर में ईको टूरिज्म की कुछ जगहों की झलकियां में दर्शाया गया है. कैलेंडर के प्रथम पृष्ठ पर बापू के कथन को लिखा गया है कि ‘पृथ्वी से हमें जो कुछ मिलता है, वह हमारी आवश्यकता को पूरा करने के लिये पर्याप्त है लेकिन हमारे लालच को पूरा करने के लिये पर्याप्त नहीं है. कैलेंडर के अलग-अलग पृष्ठों में ईको टूरिज्म की अलग-अलग जगहों की झलकियां दर्शायी गयी है. बिहार में हर वर्ष विदेशों से काफी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं. साइबेरिया से आने वाले क्रेन, स्टॉर्क और अनेक पक्षी हजारों मील की यात्रा कर वर्षों से बिहार में अपना प्रवास बनाते हैं. पटना, दरभंगा, जहानाबाद, राजगीर, बेगुसराय, कटिहार, भागलपुर एवं जमुई प्रमुख जिले हैं, जहां पर लालसर, पिनटेल, ग्रे-हॉर्नबिल, परपल सनवर्ड, रोज-रिंग पाराकिट, ब्लैक-हुडेड ओरिओल, ब्राउन हेडेड बरबेट, कौम्ब डक वर्ड आदि अनेक पक्षी हैं. जो तीन – चार माह यहां पर रहते हैं. देश विदेश से आने वाले पक्षियों का प्रवास पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है.
बिहार प्राकृतिक सौन्दर्य का भंडार है. यहां अनेक जल प्रपात हैं, जो पर्यटकों को अनायास ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं. रोहतास जिले में तुतला भवानी, कैमूर जिले में तेलहर कुंड, करकट गढ़ तथा नवादा जिले में ककोलत जलप्रपात सहित कई जलप्रपात हैं, जहां देश-विदेश के पर्यटक इनके सौन्दर्य एवं प्राकृतिक छटा का आनंद लेने के लिए पूरे वर्ष आते रहते हैं. नालंदा जिले के राजगीर में नेचर सफारी, पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. नेचर सफारी में ग्लास स्काई वाक, झूलता पुल, जिप लाइन साइकिल, एडवेंचर पार्क, बटरफ्लाई जोन और प्राकृतिक शिविर जैसे आकर्षक स्थल हैं जो पर्यटकों को रोमांचित करते हैं. गंगा नदी में पायी जाने वाली डॉलफिन का नामकरण गांगेय डॉलफिन किया गया है. बिहार सरकार के अनुरोध पर वर्ष 2010 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया है. गांगेय डॉलफिन एक नेत्रहीन जलीय जीव है. प्रादेशिक तौर पर इसे ‘सोंस’ के नाम से भी जाना जाता है.
यह इकोलोशन ( प्रतिध्वनि) और सूंघने की अपार क्षमताओं के माध्यम से अपना शिकार और भोजन तलाशती है. यह मांसाहारी, स्तनधारी जलीय जीव है. बिहार में कई स्थल हैं जो प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है. जंगलों से घिरे पहाड़ों के बीच प्राकृतिक विशाल जलाशय या मानव निर्मित संरचनाओं के विकास बने कई जलाशय अत्यंत सुंदर है तथा पर्यटकों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करती है. मंदार पर्वत लगभग 700 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक छोटा सा पहाड़ है. पौराणिक कथाओं के अनुसार मंदार पर्वत को समुद्र मंथन के दौरान मथानी के रूप प्रयोग किया गया था. इस पहाड़ पर एक ज्योतिर्लिंग स्थापित है. मंदार पर्वत पर एक तालाब है जिसे पापहरनी तालाब के नाम से जाना जाता है. इस तालाब के बीच एक छोटा सा मंदिर है. पर्यटकों के लिए यहां पर एक नये रोप-वे का निर्माण कराया गया है तथा अन्य सुविधाएं विकसित की गई है. वहीं घोड़ा कटोरा राजगीर के पास अत्यंत सुंदर पर्यटन स्थल है.
छोटी-छोटी पहाड़ियों से घिरी यह झील बहुत सुंदर दिखाई देती है. झील के मध्य में भगवान बुद्ध की आकर्षक प्रतिमा है. यह प्रतिमा एक ही ठोस पत्थर से बनी हुई है, जो इसे और भी मनमोहक बना देती है. पर्यटकों के लिए यहां पार्क एवं अन्य सुविधाएं भी विकसित की गई है जो इसे इको टूरिज्म के लिए एक आदर्श स्थान बनाती है. बिहार डायरी एवं कैलेण्डर के लोकार्पण के अवसर पर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम सूरत कुमार, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार, खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल, अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार विवेक कुमार, अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, खान एवं भूतत्व विभाग की प्रधान सचिव हरजोत कौर, सचिव सूचना एवं जन-सम्पर्क अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे.