Gaya Desk – गया शहर के बिसार तालाब स्थित भारतीय चिकित्सा संघ के तत्वावधान में शोक सभा का आईएमए सभागार में आयोजन किया गया हैं. सर्वप्रथम डॉ अर्चना शर्मा के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित कर दो मिनट मौन रखा गया है. इस मौके पर आईएमए के वक्ताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए बताया कि राजस्थान में इलाज के दौरान प्रसूता की मौत के बाद चिकित्सक डॉ अर्चना शर्मा पर धारा 302 के तहत एफआईआर किया गया था. उसके बाद तनाव में आकर डॉ अर्चना ने आत्महत्या कर लिया है. जिसके बाद देशभर के डॉक्टर प्रोटेस्ट कर रहे हैं और इस आत्महत्या को हत्या बता रहे हैं। डॉ अर्चना शर्मा ने रिम्स से एमबीबीएस किया था. उसके बाद रिम्स के एमडी कोर्स में गोल्ड मेडलिस्ट भी थीं. 1998 के एमबीबीएस में उनका नामांकन हुआ था। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे राजस्थान में अपनी सेवा दे रही थीं. इस दौरान उन्हें पढ़ाने वाले चिकित्सक और उनके सहयोगी ने अपनी संवेदनाएं भी जाहिर की गई है.
इस संबध मे और डॉ ने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि जान बचाने वाले चिकित्सकों के खिलाफ एफआईआर कर परेशान किया जा रहा है कुशल और समर्पित डॉक्टरों के लिए इस प्रकार का विरोध उचित नही है. सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार भी, किसी भी मामले में एक चिकित्सा पेशेवर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नही की जा सकती है. केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि इस घटने की गहराई से जांच कर दोषियों को सजा दी जने की मांग की है. इस घटना को लेकर भारतीय चिकित्सा संघ गया के बैनर तले शाम 6.30 बजे कैंडल मार्च निकाली जाएगी.
साभार – धीरज गुप्ता