श’व के लिए छपरा मंडल कारा के सामने सड़क जामकर किया बवाल ; बंदी की पीएमसीएच में मौ’त के बाद परिजनों ने लगाया आरोप

श’व के लिए छपरा मंडल कारा के सामने सड़क जामकर किया बवाल ; बंदी की पीएमसीएच में मौ’त के बाद परिजनों ने लगाया आरोप

CHHAPRA DESK – छपरा मंडल कारा के एक बंदी की पीएमसीएच में मौत के बाद परिजनों ने शव नहीं देने का आरोप लगाकर छपरा मंडल कर के सामने सड़क पर टायर जला कर जाम करते हुए हंगामा शुरू कर दिया. वहीं हंगामा की सूचना के बाद भगवान बाजार थाना अध्यक्ष सुभाष कुमार सिंह दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाने बुझाने का प्रयास किया लेकिन परिजन मानने को तैयार नहीं थे. उनके आक्रोश को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल भी बुला लिया गया. मृतक जिले के डोरीगंज थाना क्षेत्र के दयालचक, कोटवा पट्टी रामपुर गांव निवासी राधामोहन महतो का 22 वर्षीय पुत्र अक्षय कुमार महतो बताया गया है.

जो कि सोनपुर थाना कांड संख्या 235/2013 में गिरफ्तार होकर जेल में बंद था. बीते कुछ दिनों से उसकी तबीयत खराब चल रही थी. जिसके बाद 25 अप्रैल को उसे छपरा सदर अस्पताल और फिर वहां से उसे बेहतर चिकित्सा के लिए पीएमसीएच रेफर किया गया था. जहां बीते दिन उसकी मौत हुई है. लेकिन कागजी प्रक्रिया को लेकर आज शाम तक परिजनों को शव नहीं मिल पाया था. जबकि परिजन आज सुबह से ही मंडल कारा के सामने शव के लिए खड़े थे. जिसके बाद उनके सब्र का बांध टूट गया और मंडल कारा प्रशासन पर आरोप लगाते हुए जेल के सामने सड़क पर टायर जलाकर प्रदर्शन करते हुए सड़क जमकर जमकर बवाल काटा.

परिजनों ने कहा प्रेम प्रसंग में हुआ था गिरफ्तार, मरने के बाद पुलिस नहीं दे रही शव

परिजनों के अनुसार अक्षय का रसूलपुर निवासी प्रीति से प्रेम प्रसंग चल रहा था. जिसको लेकर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया था. वह लोग बार-बार बेल के लिए अप्लाई कर रहे थे लेकिन लड़की वालों के दबाव में बेल नहीं हो पा रहा था. 3 दिन पहले पहले उसे बेहतर चिकित्सा के लिए पटना पीएमसीएच ले जाया गया था, जहां बीते दिन उसकी मौत हो गई. लेकिन, उनको शव नहीं दिया जा रहा था. शव के लिए वह आज सुबह से मंडल कारा के सामने खड़े थे. लेकिन मंडल कारा प्रशासन के द्वारा उन्हें कोई जवाब नहीं दिया जा रहा था. जिसके बाद उनके द्वारा सड़क जामकर प्रदर्शन किया गया और तब आश्वासन मिला की उन्हें आज रात तक शव मिल जाएगा. इसके बाद पजिजन माने और घर गए. वहीं परिजनों ने मंडल कारा प्रशासन पर लापरवाही का भी आरोप लगाया है.

क्या कहते हैं कारा अधीक्षक

इस मामले में मंडल कारा अधीक्षक राधेश्याम सुमन ने बताया कि वह हेपेटाइटिस-बी से ग्रसित था. उसे मंडल कारा अस्पताल के अलावे पीएमसीएच में भी इलाज के लिए भेजा गया था. जहां इलाज के दौरान कारा प्रशासन की सूचना के बाद मृतक बंदी के परिजन भी पीएमसीएच गये थे. उन्होंने कहा कि कारा प्रशासन के द्वारा बंदी के इलाज में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती गयी है.

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