Chhapra Desk – सम्राट अशोक ने पूरे विश्व को एक सूत्र में बांध कर प्रेम एवं भाईचारे का संदेश दिया। अखण्ड भारत के निर्माण में प्रियदर्शी सम्राट अशोक का अतुलनीय योगदान रहा. उनके शासनकाल में बनाये गए नियमों को भारतीय संविधान में शामिल किया गया. प्रजा के हितों की रक्षा जिस तरह से सम्राट अशोक ने किया उनके बाद कोई शासक वैसा नही कर पाया.
वृहत्तर भारत के निर्माता, विश्व विजेता, जिनके स्वर्णिम शासनकाल मे बाघ एवं बकरी एक साथ एक घाट पर पानी पीते थे. जिनके अशोक चक्र, स्तम्भ से देश की पहचान होती है. वैसे विश्व के महानतम शासकों में एक चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान को भाजपा कलचरल सेल के कन्वेनर सह इंडियन कॉन्सिल फ़ॉर कल्चरल रिलेशन के वीसी सह सहित्य अकादमी व पद्मश्री सम्मान से सम्मानित नाटककार, कथाकार दया प्रकाश सिन्हा द्वारा सम्राट अशोक महान को बदस्तूरत, क्रूर, कामुक आदि कहते हुए मुग़ल सम्राट औरंगजेब से तुलना करना अति निन्दनीय एवं ओक्षी मानसिकता का परिचायक है. उनके इस विवादित एवं अमर्यादित बयान से बिहार हीं नहीं पूरे देश का अपमान हुआ है। ऐसे नाटककार दया प्रकाश सिन्हा का साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्मश्री सम्मान पुरस्कार के साथ-साथ दिये गए अन्य सभी पुरस्कारों को वापस लिया जाए एवं दया प्रकाश सिन्हा पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग कुशवाहा महासभा सारण एवं महात्मा फुले समता परिषद-सारण के हम सभी सदस्य दया प्रकाश सिन्हा का पुतला दहन करते हुए यह मांग करते है.
पुतला दहन कार्यक्रम को कुशवाहा महासभा के जिलाध्यक्ष डॉ अशोक कुशवाहा, महात्मा फुले समता परिषद के संयोजक दीपनारायण सिंह, मांझी विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी जद(यू) नेता मुखिया ओमप्रकाश कुशवाहा, सुनिल कुमार सिंह, कुशवाहा महासभा के सचिव अवधेश कुमार सिंह, अधिवक्ता जयप्रकाश कुशवाहा, जयकुमार सिंह, इन्द्रदेव सिंह, जितेन्द्र कुशवाहा, अशोक सिंह, विनय कुमार सिंह,प्रभुनाथ सिंह, गणेश सिंह, रमेश प्रसाद, प्रदीप गुप्ता, अजय प्रसाद, शशिभूषण गुप्ता, विजय कुमार सिंह, मिथलेश कुशवाहा, ई० राजेश कुमार सिंह, रंजय कुमार सिंह, श्रीकांत कुशवाहा, शिवकुमार सिंह दांगी, कमलेश सिंह, धीरज कुमार, ओमप्रकाश सिंह दांगी, चन्दन सिंह, वंश राज, आकाश कुमार, प्रकाश राज आदि प्रमुख थे.