जिला प्रशासन की पहल पर बालक को मिले माता-पिता तो निसंतान दंपति को मिला संतान सुख

जिला प्रशासन की पहल पर बालक को मिले माता-पिता तो निसंतान दंपति को मिला संतान सुख

CHHAPRA DESK –  जीवन की आपाधापी के बीच आकांक्षा वाले दपंति जोड़े के लिए शनिवार का दिन खुशियां देने वाला रहा. सारण जिला प्रशासन के द्वारा एक बालक को दत्तक ग्रहण की कार्रवाई पूर्ण की गई. जिलाधिकारी अमन समीर द्वारा अपने कार्यालय कक्ष में एक बालक को उनके दत्तकग्राही माता-पिता को अंतिम रूप से सौंपा गया. दत्तकग्रहण की प्रक्रिया पूरी होते ही बालक को नए माता-पिता को सुपुर्द कर दिया गया. इस दौरान दंपत्ति जोड़ों के चेहरे खुशी से खिल उठे और उन्होंने भाव विभोर होकर जिला प्रशासन को धन्यवाद प्रेषित किया. दंपत्तियों द्वारा बच्चा को गोद लेने के लिए कारा के वेब पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन किया था. जिसका क्रम आने एवं सारी प्रक्रिया से गुजरने के बाद उनके फाइनल एडॉप्शन की प्रक्रिया जिलाधिकारी अमन समीर द्वारा पूर्ण की गई.

ज्ञात हो कि समाज कल्याण विभाग अंतर्गत जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा संचालित विशिष्ट दत्तकग्रहण संस्थान, सारण के माध्यम से बच्चें को दत्तक ग्रहण की कार्रवाई की जाती है. संस्थान में चिल्ड्रेन इन नीड ऑफ केयर एंड प्रोटेक्शन वाले बच्चों की पूरी सुरक्षा और सुविधाओं के बीच रखकर उनका भरपूर पालन पोषण किया जाता है. इस अवसर पर प्रभारी सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई राहुल कुमार, बाल संरक्षण पदाधिकारी पंकज प्रसाद, समन्वयक कहकशा रसीद, दीपांशु राज आदि उपस्थित थे.

जानिए बच्चे गोद लेने के लिए क्या है नियम

कोई भी ऐसा दंपत्ति जिसकी शारीरिक एवं मानसिक स्थिति सुदृढ़ हो, बच्चा गोद लेने के लिए पात्र हो सकता है. यदि उन्होंने कम से कम दो वर्ष का स्थिर वैवाहिक जीवन व्यतीत किया हो तथा दत्तक ग्रहण के लिए दोनों की आपसी सहमति जरूरी है. अलग-अलग उम्र वाले दंपत्ति के लिए अलग-अलग उम्र के बच्चे की पात्रता होती है. बच्चा गोद लेने के लिए केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण के वेबसाईट carings.wcd.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है.

जांच के बाद बच्चा गोद लेने के पात्र माता-पिता को बच्चा गोद दिया जाता है. एकल पुरूष अभिभावक को केवल लड़का गोद दिया जा सकता है. जबकि एकल महिला लड़का एवं लड़की दोनों को गादे ले सकती है. दो संतान वाले दंपत्ति सामान्य बालक के दत्तक ग्रहण के लिए पात्र नहीं है. वह सिर्फ विशेष आवश्यकता वाले बालकों को ही दत्तक ग्रहण कर सकते है. देश में किसी अन्य माध्यम से बच्चा गोद लेना और देना कानूनी अपराध है.

Loading

77
E-paper Social ब्रेकिंग न्यूज़