शब्दाक्षर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय काव्य समारोह में देश भर से आमंत्रित शब्दाक्षर प्रदेश अध्यक्षों ने पढ़ीं एक से बढ़कर एक रचनाएं

Gaya Desk-  गया में राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ द्वारा “पच्चीस प्रदेशों का संकल्प, कर्नाटक का काव्य प्रकल्प” कार्यक्रम के तहत देश के 25 राज्यों से ‘शब्दाक्षर’ प्रदेश अध्यक्षों को काव्य पाठ हेतु आमंत्रित किया गया है. इस राष्ट्रीय काव्य सम्मेलन का संचालन ‘शब्दाक्षर’ की कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष सुनीता सैनी ‘गुड्डी’ तथा अध्यक्षता प्रदेश उपाध्यक्ष विजेंद्र सैनी ने की है कार्यक्रम में प्रधान अतिथि के रूप में ‘शब्दाक्षर’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह, मुख्य अतिथि के रूप में जम्मू कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष डॉ आदर्श प्रकाश तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दयाशंकर मिश्र तथा कवयित्री डॉ प्रतिभा माही ने शिरकत की है. काव्य समारोह का शुभारंभ ‘शब्दाक्षर’ की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष संतोष संप्रीति द्वारा प्रस्तुत मधुर सरस्वती वंदना से हुआ तथा धन्यवाद ज्ञापन शब्दाक्षर की राष्ट्रीय प्रवक्ता-सह-प्रसारण प्रभारी प्रोफेसर डॉ रश्मि प्रियदर्शनी ने किया है.

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने समस्त शब्दाक्षर परिवार की ओर से नववर्ष-2022 की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए अपनी कविता ‘नया वर्ष हो मंगलकारी’ का सुमधुर पाठ किया. डॉ रश्मि की पंक्तियां ‘अभिलाषा है नये वर्ष में दुनिया में हो केवल प्यार, हो सर्वत्र अमन की वर्षा आपस में ना हो तकरार। शिकवे गिले भूलकर सारे, सबसे मीठी बात करें, नये वर्ष में नये ढंग से जीवन की शुरुआत करें’ सुनकर मंचासीन अतिथि तथा श्रोतागण झूम उठे हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह ने ‘जिस रचना में भाव प्रबल हो जाता है, श्रवण-पठन कुछ और सबल हो जाता है, पंक्ति एक भी कविता की यदि याद रही, कवि का रचना-कर्म सफल हो जाता है’ जैसी यादगार पंक्तियाँ दीं। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सिंह ने ‘शब्दाक्षर’ के सभी पदाधिकारियों की कर्त्तव्यनिष्ठा और समर्पण भाव की प्रशंसा करते हुए आगामी नववर्ष में शब्दाक्षर के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है.

इस काव्य सम्मेलन में शब्दाक्षर के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष तथा मुक्तक सम्राट कवि महावीर सिंह ‘वीर’ ने ‘ऊंचाई पाने की धुन में इतना भी मगरूर न था, अपनों की ही बलि दे देता, मैं इतना भी क्रूर न था, मंज़िल मेरे पास खड़ी थी बाहें फैलाए, मुझको मेरी खुद्दारी से समझौता मंजूर न था’ जैसी अविस्मरणीय पंक्तियाँ देकर खूब वाहवाहियां लूटीं है. शब्दाक्षर मध्य प्रदेश अध्यक्ष राजीव खरे ने ‘जीवन के अपमानों को वरदान समझ लूंगा, पूर्ण समर्पित प्रीति को मैं अनुदान समझ लूंगा’ जैसी भावविभोर कर देने वाली खूबसूरत पंक्तियाँ पढ़ीं है.

दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष संतोष संप्रीति ने ‘शब्द-शब्द के चिंतन से ही बन जाती है भाषा, अर्थ आवरण के पीछे से मुसकाती अभिलाषा’ तथा बालिका भ्रूण हत्या विषय पर राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दयाशंकर मिश्र ने ‘जन्म से पहले मत मार रे मैया, अंधकार मिट जाएगा, घर होगा उजियार रे मैया’ कविताएं पढ़ीं है. कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष सुनीता सैनी गुड्डी ने जलेबी पर रचित लोकगीत तथा विजेंद्र सैनी ने दामाद विषय पर रचनाएँ पढ़ीं है. इस काव्य समारोह में गोवा प्रदेश अध्यक्ष वंदना चौधरी, महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष डॉ कनक लता तिवारी, गुजरात प्रदेश अध्यक्ष सुमित मानधना ‘गौरव’, पश्चिम बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष रामप्रकाश सिंह ‘सावन’, केरल प्रदेश अध्यक्ष डॉ पी लता, आंध्रप्रदेश अध्यक्ष चिरंजीवी लिंगम, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष श्यामल मजूमदार आदि ने अपनी-अपनी बेहतरीन रचनाओं से श्रोताओं का दिल जीत लिया है इस काव्यगोष्ठी के सफल आयोजन पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सत्येन्द्र सिंह ‘सत्य’, शब्दाक्षर के बिहार प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र, राष्ट्रीय सचिव सुबोध कुमार मिश्र, राष्ट्रीय उपसचिव सागर शर्मा ‘आज़ाद’ तथा राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी निशांत सिंह गुलशन ने हार्दिक खुशी जताई है.


साभार : धीरज गुप्ता

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