Chhapra Desk – सारण जिले के अमनौर प्रखंड स्थित गायत्री मंदिर रसूलपुर अंतर्गत चल रहे श्री सत्य सनातन धर्म महायज्ञ के चौथे दिन सहस्र वेदीय दीपयज्ञ का आयोजन किया गया. जिसमे सैकड़ो कन्याएं एवं महिलाओं ने चढ़ बढ़ कर हिस्सा लिया।सभी अपने अपने घरों से 1001 दीपक लाए, मन्दिर में जल रहे अखंड दीपक से सभी दीपक का ज्योत जलाया. इस दौरान श्रद्धालु भक्त को ईश्वर व धर्म के सम्बंध में प्रवचन करते हुए आचार्य ओंकार नाथ शर्मा श्रद्धानंद द्वारा कहा गया कि जिस तरह दीपोत्सव से उजाला फैला हुआ है.
उसी प्रकार ज्ञानयज्ञ, सत्संग से सभी के जीवन में सत्कर्म रूपी उजाला फैलता है, जीवन में आत्मबल मजबूत हो, सत्कर्म के फैसले स्वयं से होने लगते हैं, धर्म हमें हमारे विचार, हमारे समाज, हमारे वातावरण को शुद्ध करते हुए सत्कार्य के लिये प्रेरित करता है. श्री पांडे ने अपने प्रवचन में श्रीकृष्ण व द्रौपदी का उदाहरण देते हुए कहा कि द्रौपदी के चीरहरण के समय द्रौपदी ने जब श्रीकृष्ण को पुकारा तो वे दौरे चले आये क्योकिं द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण व साधु महात्मन की एक छोटी मदत अपने वस्त्रों से की थी व उसी का परिणाम था कि दुशासन थक गया लेकिन द्रौपदी के वस्त्र समाप्त न हुए.