चिकित्सकों के ह’ड़ताल के बाद आयुष चिकित्सकों ने संभाली ओपीडी की कमान ; मरीज को मिली राहत

चिकित्सकों के ह’ड़ताल के बाद आयुष चिकित्सकों ने संभाली ओपीडी की कमान ; मरीज को मिली राहत

CHHAPRA DESK – बायोमेट्रिक अटेंडेंस नहीं बनाने और वेतन की मांग को लेकर छपरा सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने दूसरे दिन भी हड़ताल जारी रखी और ओपीडी सेवा का बहिष्कार किया. लेकिन, सिविल सर्जन भी नियम पर अडिग रहे और आयुष चिकित्सकों को बुलाकर ओपीडी को चालू कर दिया. जिसके कारण सदर अस्पताल पहुंचे सैकड़ो मरीजों को राहत मिली है. आयुष चिकित्सक 9:00 बजे से ही ओपीडी में ड्यूटी संभाल लिए. जिसके कारण ओपीडी में मरीजों की भीड़ भी कम रही. वही इसको लेकर हाड़ताली चिकित्सक बैठक कर मंत्रणा करते रहे. विदित हो कि बायोमेट्रिक अटेंडेंस का बहिष्कार करने और वेतन की मांग को लेकर काला बिल्ला लगाकर काम करने के बाद दो दिनों से ओपीडी सेवा का भी बहिष्कार किया है. लेकिन सिविल सर्जन के प्रयास से मरीजों को राहत देते हुए आयुष चिकित्सकों से ओपीडी सेवा को चालू कराया गया है. जिस कारण मरीजों को काफी राहत मिली है.

एलोपैथिक चिकित्सकों के पर्ची पर आयुष चिकित्सक कर रहे उपचार

छपरा सदर अस्पताल के ओपीडी में सभी वार्डों के चिकित्सक निश्चित हैं और कंप्यूटर पर उनका ही नाम चढ़ा हुआ है. ऐसी स्थिति में कंप्यूटराइज पर्ची काटे जाने के कारण उस वार्ड के ड्यूटी करने वाले चिकित्सक का रोस्टर के अनुसार नाम आ रहा है. जबकि वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर वहां इस पर्ची पर आयुष चिकित्सक मरीज का उपचार कर रहे हैं. हालांकि ईएनटी विभाग में ड्यूटी के लिए सदर प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर एसएस प्रसाद को तथा टीबी वार्ड में ड्यूटी के लिए जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉक्टर रत्नेश्वर प्रसाद सिंह को बुलाया गया है, जो कि ड्यूटी कर रहे हैं.

बायोमैट्रिक अटेंडेंस बनाने को लेकर आक्रोशित है चिकित्सक

बताते चलें कि सरकारी व्यवस्था के अनुसार छपरा सदर अस्पताल के ओपीडी में ड्यूटी के लिए चिकित्सकों को बायोमेट्रिक अटेंडेंस बनाना अनिवार्य है और उसी के अनुरूप उन्हें वेतन प्राप्त होता है. जिसको लेकर चिकित्सकों का वेतन कट जा रहा है. किसी चिकित्सक को एक दिन तो किसी चिकित्सक को हफ्ते भर का वेतन प्राप्त हो रहा है. जिसको लेकर चिकित्सकों में आक्रोश है. वही हड़ताली चिकित्सकों का कहना है कि सदर अस्पताल में करीब 70 चिकित्सकों का पोस्ट है और वे लोग मात्र 40 चिकित्सक ही उनकी भी ड्यूटी कर रहे हैं. वह लगातार ड्यूटी कर रहे हैं. नाइट ड्यूटी भी उनके द्वारा किया जाता है. बावजूद इसके उन्हें अपना वेतन नहीं मिल पा रहा है.

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